इस चुनाव में 96.8 करोड़ मतदाता, 2019 के मुकाबले 6% बढ़े, जानें महिला-पुरुष और युवा व आम चुनाव के बाद 2024 आते-आते कई लोकसभा सीटों पर उप-चुनाव कराए गए। पहला उप-चुनाव तमिलनाडु की वेल्लोर सीट के लिए हुआ था। मई 2019 में आम चुनाव से पहले यहां का चुनाव रद्द कर दिया गया था।: देश में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सियासी हलचलें शुरू हो गई हैं। चुनाव का एलान आज हो सकता है। उधर राजनीतिक दल भी अपनी तैयारियों में जुटे हैं। इसी कड़ी में भाजपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की दो-दो सूचियां जारी कर दी हैं।
आइये जानते हैं कि पिछले चुनाव के नतीजे क्या थे? बीते पांच वर्षों में कहां-कहां उप-चुनाव हुए? 2019 के बाद से कितनी बदली देश की सियासत? राज्यों में कहां-किसकी सरकार आई या गई? अब 2024 लोकसभा चुनाव के लिए समीक
पिछले चुनाव के नतीजे क्या थे?
2019 में देशभर में सात चरणों में चुनाव कराए गए थे। ये चुनाव 543 में 542 सीटों (सामान्य-411, अनुसूचित जाति-84 और अनुसूचित जनजाति-47) के लिए कराए गए थे। तमिलनाडु के वेल्लोर लोकसभा क्षेत्र में भारी नकदी बरामदगी के बाद लोकसभा चुनाव रद्द कर दिया गया था। इस चुनाव के लिए कुल 91.05 करोड़ मतदाता पंजीकृत थे। चुनाव में 61.08 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इस तरह से 2019 के लोकसभा चुनावों में 67.09% वोट पड़े थे जिसमें से पुरुषों ने 67.01%, महिलाओं ने 67.18% और अन्य ने 14.58% वोटिंग की थी।
इस तरह से 542 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे 23 मई 2019 को घोषित हुए थे। नतीजे सामने आए तो भारतीय जनता पार्टी ने लगातार दूसरी बार खुद के दम पर सत्ता में आई। भाजपा ने सबसे ज्यादा 303 सीटें जीतीं। इसके बाद कांग्रेस को महज 52 सीटों पर जीत मिली थी। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस के 22 सांसद, बसपा के 10, भाकपा के 2, माकपा के 3 और एनसीपी के 5 सांसद जीते थे। चुनाव नतीजों के बाद भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बनी जिसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने। 30 मई 2019 को वाराणसी सांसद नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
वेल्लोर: 2019 आम चुनाव के बाद 2024 आते-आते कई लोकसभा सीटों पर उपचुनाव कराए गए। पहला उप-चुनाव तमिलनाडु की वेल्लोर सीट के लिए हुआ था। बेहिसाब नकदी बरामद होने के बाद मई 2019 में आम चुनाव से पहले यहां का चुनाव रद्द कर दिया गया था। अगस्त 2019 में आए नतीजे में डीएमके उम्मीदवार कथिर आनंद ने अन्नाद्रमुक उम्मीदवार एसी शनमुघम को हराया था।
समस्तीपुर: लोक जन शक्ति पार्टी (एलजेपी) सांसद राम चंद्र पासवान की मृत्यु के बाद समस्तीपुर सीट पर उप-चुनाव हुआ था। अक्टूबर 2019 में आए नतीजे में राम चंद्र पासवान के बेटे प्रिंस राज जीते। चुनाव में एलजेपी के प्रिंस राज ने कांग्रेस के अशोक कुमार को हराया था।
सतारा: इसी के साथ महाराष्ट्र की सतारा सीट पर उप-चुनाव हुआ था। एनसीपी सांसद उदयनराजे भोसले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके कारण सतारा में उपचुनाव की आवश्यकता पड़ी। हालांकि, जब नतीजे सामने आए तो भाजपा उम्मीदवार एनसीपी नेता श्रीनिवास पाटिल से हार गए।
वाल्मीकिनगर: बिहार की इस सीट से जेडीयू सांसद बैजनाथ प्रसाद महतो की मौत हो गई बाद यह सीट खाली हुई थी। नवंबर 2020 में आए नतीजे में इस सीट पर जेडीयू उम्मीदवार सुनील कुमार ने कांग्रेस के प्रवेश कुमार मिश्रा को मात दी थी।
2021
तिरुपति: आंध्र प्रदेश इस सीट पर उपचुनाव मौजूदा सांसद बल्ली दुर्गा प्रसाद राव की कोरोना के कारण मृत्यु के बाद उप-चुनाव हुआ था। मई 2021 में आए नतीजे में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के एम. गुरुमूर्ति ने टीडीपी की पनाबाका लक्ष्मी को हराया था।
मंडी: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद मंडी सीट पर उप-चुनाव हुआ था। इसके चुनाव के लिए कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को मैदान में उतारा था। प्रतिभा ने भाजपा के ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) खुशाल ठाकुर को हराया था।
बेलगाम: कर्नाटक की बेलगाम सीट के लिए भी उप-चुनाव हुआ था। केंद्रीय मंत्री सुरेश अंगडी के निधन के बाद यहां उप-चुनाव करवाया गया था। मई 2021 में आए नतीजे में भाजपा की तरफ से उतरीं दिवंगत नेता सुरेश अंगडी की पत्नी मंगला अंगडी ने कांग्रेस के सतीश जारकीहोली को हराया था।
कन्याकुमारी: तमिलनाडु की इस सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता एच. वसंत कुमार की कोरोना के कारण मृत्यु के बाद उप-चुनाव हुआ था। कांग्रेस के उम्मीदवार विजय वसंत ने भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन के खिलाफ जीत दर्ज की थी।
मल्लपुरम: केरल में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सांसद अब्दुस्समद समदानी ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद हुए उपचुनाव में आईयूएमएल उम्मीदवार समदानी ने लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के वीपी शानू को हराया।
संगरूर: पंजाब के इस लोकसभा क्षेत्र पर तत्कालीन आप सांसद भगवंत मान के इस्तीफे के कारण चुनाव हुआ था। जून 2022 में आए परिणाम में आम आदमी पार्टी के गुरमेल सिंह को संगरूर उपचुनाव में हार मिली थी। अकाली दल अमृतसर के सिमरनजीत सिंह मान विजेता बने थे।
मैनपुरी: सपा नेता मुलायम सिंह यादव के निधन की वजह से उत्तर प्रदेश की इस संसदीय सीट पर उपचुनाव हुआ था। दिसंबर 2022 में आए नतीजे सपा के पक्ष में थे। पार्टी की प्रत्याशी डिंपल यादव ने भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य को हराया था।
रामपुर: 2019 में उत्तर प्रदेश की इस सीट पर सपा के आजम खान को जीत मिली थी और वह सांसद बने थे। हालांकि, विधायक बनने के बाद आजम ने लोकसभा की सदस्य्ता से इस्तीफा दे दिया था। जून 2022 में आए परिणाम में भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने सपा के आसिम रजा को पराजित किया।
आजमगढ़: सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के इस्तीफे बाद यूपी की यह सीट रिक्त हुई थी। इसके बाद उप-चुनाव के लिए पार्टी ने बदायूं से सांसद रहे धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा। जून 2022 में इस सीट के नतीजे सामने आए। लोकसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दिनेशलाल यादव निरहुआ ने सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को हराया।
आसनसोल: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के तुरंत बाद यहां से सांसद बाबुल सुप्रियो भाजपा छोड़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने आसनसोल लोकसभा सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दिया। इसके बाद यहां उप-चुनाव के लिए टीएमसी ने शत्रुघ्न सिन्हा को उतारा। अप्रैल 2022 में आए नतीजे में शत्रुघ्न ने भाजपा की अग्निमित्रा पॉल को हराया।
पिछले लोकसभा चुनाव के बाद से अब तक 21 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं। इस दौरान जहां किसी ने सत्ता में वापसी की तो किसी ने सत्ता खोई भी। मई 2019 के बाद उसी साल तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए। झारखंड में जेएमएम के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार बनी। हरियाणा में भाजपा जेजेपी के साथ मिलकर सत्ता में आई।
वहीं महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी सरकार में आया जिसमें कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना में शामिल थे।
2020 में राजधानी दिल्ली और बिहार में विधानसभा चुनाव हुए। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने जीत के साथ सरकार बनाई। वहीं बिहार में भाजपा ने जदयू के साथ मिली-जुली सरकार बनाई थी।
साल 2021 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कराए गए थे। असम में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को जीत मिली थी। पुडुचेरी में भी एनडीए के घटक दलों ऑल इंडिया एन.आर. कांग्रेस, भाजपा और एआईएडीएमके को जीत मिली थी ये सत्ता में आए।
दक्षिण के राज्य केरल में वाम मोर्चे को बहुमत मिली। तमिलनाडु में डीएमके ने कांग्रेस के साथ सरकार बनाई थी। वहीं पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस प्रचंड बहुमत के साथ सरकार में काबिज हुई थी।
2023 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे। त्रिपुरा में भाजपा ने अपनी सत्ता बरकरार रखी। मेघालय में एक बार फिर कोनराड संगमा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार बनी। नगालैंड में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के नेफियू रियो ने भी अपनी सत्ता बरकरार रखी। वहीं कर्नाटक में भाजपा को बेदखल कर कांग्रेस राज्य की सत्ता में आ गई।
2023 के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव कराए गए थे। मध्य प्रदेश में भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ अपनी सत्ता में काबिज रही। शिवराज सरकार में मंत्री रहे मोहन यादव प्रदेश के मुख्यंत्री बने। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता से हटाकर भाजपा ने कब्जा जमाया। राजस्थान में भजन लाल शर्मा तो छत्तीसगढ़ में विष्णु साय मुख्यंत्री बनाए गए। तेलंगाना में कांग्रेस ने सत्तारूढ़ बीआरएस की जगह ली और रेवंत रेड्डी सीएम बने। मिजोरम में नई नवेली पार्टी जोराम पीपल्स मूवमेंट में सरकार बनाई और लालदुहोमा राज्य के मुखिया बने।
28 जनवरी 2024 को बिहार में सियासी उलटफेर हुआ। नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार से इस्तीफा दे दिया। बाद में भाजपा के समर्थन से सीएम पद की शपथ ले ली।
[16/03, 9:25 am] Iharco Office: राज्यों में कहां-किसकी सरकार आई या गई?