आज से चैत्र नवरात्रि आरंभ, कैसे करें कलश स्थापना और क्या है शुभ मुहूर्त
आज से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो गई है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा का विधान होता है। हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि पर 9 दिनों तक देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस बार चैत्र नवरात्रि पूरे 9 दिनों तक चलेगी।
नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही ह आज से चैत्र नवरात्रि शुरू हो चुके हैं। इस बार चैत्र नवरात्रि पूरे 9 दिनों तक मनाई जाएगी। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। नवरात्रि के पहले दिन पूजी जाने वाली देवी दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री को हिमालय की पुत्री माना जाता है। मान्यता है इससे पूर्व उनका जन्म राजा दक्ष की पुत्री सती के रूप में हुआ था। जिनका विवाह भगवान शिव से हुआ था। पौराणिक कथा के अनुसार एक बार राजा दक्ष ने महायज्ञ का आयोजन किया और उसमें सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया लेकिन भगवान शिव को निमंत्रण नहीं दिया। जब देवी सती को इसके बारे में पता चला तो वह अपने पिता के घर बगैर निमंत्रण के ही पहुंच गईं।
जहां पर महादेव के प्रति अपमान महसूस होने पर उन्होंने स्वयं को महायज्ञ में जलाकर भस्म कर लिया। जब यह बात भगवान शिव को पता चली तो उन्होंने यज्ञ को ध्वंश करके सती को कंधे पर लेकर तीनों में विचरण करने लगे। इसके बाद भगवान विष्णु ने भगवान शिव के मोह को दूर करने के लिए सती के शरीर को अपने सुदर्शन चक्र से काटकर 51 भागों में विभक्त कर दिया। मान्यता है कि माता सती के टुकड़े जहां-जहां पर गिरे वे सभी शक्तिपीठ कहलाए। इसके बाद देवी सती ने शैलराज हिमालय के यहां पुत्री के रूप में दोबारा जन्म लिया, जिन्हें माता शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है।
नवरात्रि में क्यों करते हैं कलश स्थापना ?
शक्ति की आराधना का महापर्व चैत्र नवरात्रि आज से आरंभ हो चुका है। यह 9 दिनों तक चलने के बाद राम नवमी पर समाप्त होगा। नवरात्रि के पहले दिन प्रदिपदा तिथि पर मां शैलपुत्री की पूजा के साथ-साथ नौ दिनों तक कलश स्थापना की जाती है। नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कलश को सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है। कलश में सभी ग्रह, नक्षत्रों और तीर्थों का वास होता है।
आज इस समय करें कलश स्थापना
आज से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो चुका है और यह 17 अप्रैल राम नवमी तक चलेगा। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। हिंदू धर्म में अभिजीत मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। अभिजीत मुहूर्त में किया गया कार्य और पूजा बहुत ही शुभ माना जाता है। कलश स्थापना का सबसे अच्छा मुहूर्त सुबह 11 बजकर 58 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री को अर्पित करें ये भोग
दुर्गाजी के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री को सफेद और शुद्ध भोग्य खाद्य पदार्थ पसंद हैं। इसीलिए पहले नवरात्रि को मां शैलपुत्री को प्रसन्न करने के लिए सफेद चीजों का भोग लगाया जाता है। अगर घर परिवार को निरोगी जीवन और स्वस्थ शरीर चाहिए तो मां को गाय के शुद्ध घी से बनी सफेद चीजों का भोग लगाएं।