सीसी रोड में हो रहा है घोर भ्रष्टाचार
शोबित अग्रवाल की रिपोर्ट✍️
*आर के गोस्वामी उपयंत्री करा रहे पंचायतों में घटिया निर्माण*
*ट्रांसफर रुकबाकर कर रहे पंचायतों में भ्रष्टाचार*
*राजनैतिक पहुंच के कारण नहीं होती कोई कार्यवाही*
पटेरा/- दमोह जिले की जनपद पंचायत पटेरा के उपयंत्री आर के गोस्वामी की सभी पंचायतों में जमकर भ्रष्टाचार हमेशा किया जाता है जिस कारण से इनका ट्रांसफर ऑर्डर भी आया था लेकिन ट्रांसफर रूकबाकर पंचायतों में भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आ रहे है उपयंत्री कभी भी मुख्यालय नहीं आते जिम्मेदार अधिकारी भी उपयंत्री से परेशान है राजनैतिक पहुंच के कारण ट्रांसफर नहीं होता गलतियों पे पर्दा डाला जाता उपयंत्री की मिली भगत से मनरेगा का कार्य मशीनों से कराया जाता है फर्जी खातों में राशि डलबाकर बंदरबांट कर ली जाती है उपयंत्री की मिलीभगत से अपनी सभी पंचायतों में घर बैठकर मूल्यांकन करते है जिस कारण से जनपद पंचायत पटेरा से जाने का नाम नहीं ले रहे है आर के गोस्वामी की सभी पंचायतों में घटिया निर्माण किया जाता है लेकिन राजनैतिक पहुंच के कारण कोई कार्यवाही नहीं होती ऐसा ही एक मामला जनपद पंचायत पटेरा की ग्राम पंचायत मझगुवा पतोल का है 15वे वित्त से सी सी सड़क निर्माण कार्य किया जाना था जो इस्टीमेट और नियम अनुसार सी सी सड़क निर्माण कार्य कराया जाना था उस के पूरे नियम की धज्जियां उड़ा दी और आर के गोस्वामी की सेक्टर की ग्राम पंचायतों बहुत ही भ्रष्टाचार हो रहा है अगर आर के गोस्वामी की ग्राम पंचायतों को एक एक निर्माण कार्य देखकर जांच की जाए तो कई ऐसे निर्माण कार्य निकलेंगे जो मौके स्थल पर हुए ही नहीं हैं और उनकी राशि उपयंत्री , सचिव , रोजगार सहायक द्वारा हड़प ली गई है क्योंकि उपयंत्री की ग्राम पंचायतों में मनमर्जी से निर्माण कार्य होते हैं घटिया किस्म के जो चंद महीनों ही चल पाते हैं और क्षतिग्रस्त हो जाते हैं लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ना ही उन निर्माण कार्यों की जांच की जाती है और ना ही कोई कार्यवाही की जाती है और जनपद पंचायत सीईओ कभी भी ग्राम पंचायत का निरीक्षण करने नहीं जाते इसलिए उपयंत्री , सचिव रोजगार , सहायक को किसी का डर है ही नहीं और भय भी रहता है तो अधिकारियों की सांठगांठ से जेब गर्म हो जाती है शासन ग्राम पंचायत के निर्माण कार्यों के लिए लाखों रुपए खर्च करती है ताकि ग्राम पंचायतों में विकास हो सके लेकिन उपयंत्री सचिव रोजगार सहायक भ्रष्टाचार करने में कहीं कसर नहीं छोड़ते और भ्रष्टाचार बढ़ता ही चला जाता है और अधिकारी उसको नजरअंदाज भी कर देते हैं क्योंकि उनको तो कार्यालय में ही उनका जेब गर्म कर दिया जाता है ताकि ग्राम पंचायत के यहां से अधिकारी भटके तो उसको नजरअंदाज करके चले जाएं और जांच कर मूल्यकंन कर दिया जाता है
*इनका कहना है*
यह मामला आपके द्वारा मेरे पास आया मैं इसकी कल जांच कराती हूं
*जिला मनरेगा अधिकारी अभिलाषा शुक्ला*
मैं इस कार्य को कल दिख वाता हूं
*जिला सीईओ अजय श्रीवास्तव*
मैं कल ए.ई को भेजकर जांच कर वाता हूं
*जनपद पंचायत पटेरा सीईओ के पी द्विवेदी*