यादव हुए सपा के बशीभूत, प्रधानमंत्री मोदी को बोले अनपढ़, मीडिया पर भी उठाया सवाल।
बलिया, उत्तर प्रदेश
अब्बाजान, बबुआ,ठोक दूंगा, ठंडा कर दूंगा, गर्मी झाड़ दूंगा
गुण्डे,जर्सी गाय, कांग्रेस की बिधवा, पचास करोड़ी गर्ल फ्रेंड, सूर्पनखा
ये कितनी सडक़ छाप अनपढ़ मवाली की भाषा देश के मा.प्रधानमंत्री जी और सबसे बड़े सूबे के मा.मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रयोग किया जा रहा है। और देश का एक बड़ा वर्ग इसपर तालियां बजा कर खुश हो रहा है।
इन्ही अपने प्रिय नेताओं की भाषा से एक कदम आगे बढ़कर इनके समर्थक सोशल मीडिया पर बैचारिक विरोधियों के साथ गाली गलौज से लेके धमकियो तक पर उतारू हो जा रहे हैं।
मीडिया को इस पर बहस चलाना चाहिए पर मुश्किल ये है कि ख़ुद मीडिया की भाषा भी कमोबेश वैसी ही हो चली है। ध्यान दीजिए उनके कार्यक्रमो के हेडलाइन, लगता है जैसे कोई युद्ध चल रहा है देश मे और वो युद्धउन्माद में हैं।
ज़ाहिरी तौर पर अहिंसा और शांति का संदेश देने वाले गाँधी के देश मे जानबूझकर एक उन्मादी माहौल तैयार किया जा रहा है। युवाओं का एक बड़ा वर्ग इसमे बड़ी तेजी से फंसता जा रहा है, और भाषाई तौर पर उग्र और उन्मादी बन रहा है।उसे अपने रोजगार की,देश मे बढ़ रहे महंगाई की चिन्ता नही है।
ये लक्षण ज़ाहिरी तौर पर देश और प्रदेश में किसी अच्छे भविष्य की तरफ इशारा नही करते।जागरूक और देशहित में सोचने वाले लोगो को इसपर अवश्य सोचना चाहिए।
समाजवादी कार्यकर्ता के वक्तब्य