जो ये आरोप लगा रहे हैं कि यूक्रेन से लौट रहे छात्रों से 3 गुना किराया वसूल रही हैं एयरलाइंस कम्पनी। सबसे पहले तो यह एक #झूठ है। एयर इंडिया टाटा बिलकुल मुफ़्त ला रही है। दूसरी बात, उनसे किराया ले भी लिया जाए तो इसमें कौन सा पहाड़ टूट पड़ेगा ? ये वही स्टूडेंट्स हैं ना, जो यहाँ NEET परीक्षा पास नहीं कर पाए, लेकिन 60, 70, 80 लाख रुपये का #डोनेशन देकर डाॅक्टर बनेंगे ? जब ये यूक्रेन गये थे, तब इनका #किराया किसने दिया था ? जो अपने किराए से यूक्रेन गये, वो अपने किराए से वापस भारत वापस आयें, तो किस पर एहसान कर रहे हैं ? ना ये गरीब हैं, ना ये मजदूर हैं, ना ही इन्हें भारत सरकार ने भेजा था, ना ही ये डॉक्टर बनकर मुफ्त में इलाज करेंगे। इसलिए इनसे किराया लिया जाना चाहिए, वो भी असाधारण परिस्थितियों के हिसाब से। जो 60, 70 लाख दे रहा है, उसको किराया देना पड़ेगा, इसमें विशेष परेशानी क्यों है ???