बांसडीह विधानसभा में खिला कमल 21855 मतो से विजयी हुई केतकी सिंह।
बांसडीह बलिया
बांसडीह विधानसभा के इतिहास में पहली बार केतकी सिंह के जीतने के साथ कमल खिला है। बांसडीह की प्रतिष्ठापरक सीट पर केतकी सिंह ने विधान सभा में समाजवादी पार्टी की आवाज यानि नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी को हरा दिया। इस सीट पर बच्चा पाठक ने एक ही विधानसभा की सीट पर सात बार जीत दर्ज कर जनपद का इतिहास कायम किया है।
1967 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनसंघ के प्रत्याशी बैजनाथ सिंह ने 17300 मत पाकर जीत दर्ज की। 1969 के विधानसभा चुनाव में बच्चा पाठक को 22172 मत मिले। उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार विजय बहादुर सिंह(13272) को हराया। 1974 में बच्चा पाठक ने 39179 मत पाकर एनसीओ प्रत्याशी शिवमंगल सिंह 28193 को हराया। 1977 में बच्चा पाठक ने 35171 मत प्राप्त किया। इस चुनाव मेें उन्होंने जेएनपी प्रत्याशी चन्द्रिका प्रसाद 33083 को हराया। 1980 में बच्चा पाठक 33422 मत पाया। इस बार उन्होंने जेएनपी जेपी प्रत्याशी विजय बहादुर सिंह 26003 को हराया।
चार बार लगातार जीतने के बाद 1985 में बच्चा पाठक के भतीजे अशोक पाठक को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया। इस बार जेएनपी प्रत्याशी विजय लक्ष्मी 49415 ने अशोक पाठक 28513 को हरा दिया।1989 मेें पुनः जनता दल की प्रत्याशी विजय लक्ष्मी 48614 ने कांग्रेस प्रत्याशी बच्चा पाठक 41522 को हराया। 1993 में कांग्रेस प्रत्याशी बच्चा पाठक 33082 ने जनता दल प्रत्याशी विजय लक्ष्मी 23669 को हराया।1996 में कांग्रेस प्रत्याशी बच्चा पाठक 42242 ने भाजपा प्रत्याशी पीएन तिवारी 41449 को हराया। 2002 में समाजवादी जनता पार्टी राष्ट्रीय के प्रत्याशी रामगोविन्द चौधरी ने बांसडीह में चुनाव लड़ा।उन्होंने 43098 मत पाकर अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस के प्रत्याशी बच्चा पाठक को 37279 हराया।
2007 मेें बसपा प्रत्याशी शिवशंकर चौहान 31488 ने रामगोविन्द चौधरी 31000 को हराया। 2012 के चुनाव में रामगोविन्द चौधरी को 52085 मत मिले। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी केतकी सिंह 29208 को हराया। 2017 के विधानसभा चुनाव में एक बार पुन: राम गोविन्द चौधरी ने केतकी सिंह को करीब डेढ़ हजार के मतांतर से मात दिया। लगातार तीन बार चुनाव हारने के बाद आखिरकार 2022 में भाजपा गठबन्धन प्रत्याशी केतकी सिंह ने सदन के नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी को 21855 मतों के अन्तर हराते हुए जीत दर्ज कर लिया है।