खण्डवा :- खेतों में फसल नरवाई नहीं जलाने की सलाह


खण्डवा 31 मार्च, 2022 – खण्डवा जिले के कलेक्टर अनूप कुमार सिंह के निर्देशन में जिले के उप संचालक कृषि श्री के.सी वास्केल ने जिले के किसानों को गेहूं फसल की कटाई के बाद शेष बचे फसल अवशेष नरवाई को न जलाने की अपील की गई है। नरवाई जलाना पर्यावरण के लिए अत्यंत हानिकारक है, इसे कतई ना जलाए। गेहूं की फसल कटाई के लिए हार्वेस्टर आदि का बहुतायत में उपयोग किया जाने लगा है। फलस्वरूप कटाई के उपरान्त खेतों में नरवाई एवं भूसा शेष बचता है, जिन्हें किसान अनुपयोगी समझकर आग लगाकर नष्ट करते है इससे भूमि की उर्वरा शक्ति क्षीण होती है।
उप संचालक कृषि श्री वास्केल ने बताया कि नरवाई जलाने से होने वाले नुकसान व नरवाई जलाने से आसपास के वातावरण का तापमान बढ़ने लगता है, जो कि ग्लोबल वार्मिंग के लिए उत्तरदायी है। नरवाई जलाने से भूमि की उर्वरक शक्ति एवं जैव अंश नष्ट हो जाते है, जिससे भूमि धीरे धीरे बंजर होने लगती है। उन्होंने बताया कि पशुओं को प्राप्त होने वाला भूसा नष्ट हो जाता है तथा कृषकों को कम्पोस्ट भी नहीं प्राप्त हो पाता है। फसल अवशेषों को जलाने से मिट्टी में उत्पन्न होने वाले कार्बनिक पदार्थों में कमी आती है, भूमि में उपस्थित सूक्ष्म जीव जलकर नष्ट हो जाते है, जिससे उपलब्ध जैव विविधता समाप्त होती है। फसल अवशेष जलाने से भूमि कठोर हो जाती है जिसके कारण भूमि की जल धारण क्षमता कम हो जाती है और फसलें जल्दी सूखती है। उन्होंने बताया कि खेतों की मेड़ों पर लगे पेड़-पौधे, फल वृक्ष आदि जलकर नष्ट हो जाते है, नरवाई जलाने से जैव हानि तो होती ही है साथ ही साथ जन-धन हानि भी हो सकती है।
उप संचालक कृषि श्री वास्केल ने बताया कि दण्ड का प्रावधान नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश क्रम में एयर अधिनियम 1981 के अंतर्गत जिले में फसलों विशेषतः धान एवं गेहॅू की फसल कटाई उपरांत फसल अवशेषो को खेतो में जलाये जाने को प्रतिबंधित किया गया है। जिसे तत्काल प्रभाव से सम्पूर्ण जिले में लागू किये जाने के निर्देश है। निर्देशांे का उल्लंघन किये जाने पर व्यक्ति/निकाय को नोटिफिकेशन प्रावधान अनुसार पर्यावरण क्षतिपूर्ति राशि संबंधित कृषक/निकाय से दण्डस्वरुप वसूल की जावेगी। उन्होंने बताया कि ऐसे कृषक जिनकी भूमि 2 एकड से कम हो उनको राशि 2500 रूपये, ऐसे कृषक जिनकी भूमि 2 एकड से ज्यादा एवं 5 एकड़ से कम हो उनको राशि 5 हजार रूपये तथा ऐसे कृषक जिनकी भूमि 5 एकड़ से अधिक हो उनको राशि 15 हजार रूपये वसूल किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि नरवाई में आग लगाने पर पुलिस द्वारा प्रकरण भी कायम किया जा सकता है। नरवाई जलाने के कारण मानव स्वास्थ्य, पशुओं के स्वास्थ्य, भूमि के स्वास्थ्य के साथ – साथ पर्यावरण पर भी गंभीर संकट उपलब्ध हो सकता है। राष्ट्रीय हित में किसान भाई नरवाई जलाने से परहेज करें।

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