खण्डवा :- यूनिवर्सिटी टीचिंग बिना रिसर्च के नहीं हो सकती: डॉ सुनीता

खण्डवा :- लाइब्रेरी और इंफॉर्मेशन की विशेषज्ञ डॉ सुनीता पमनानी ने सी वी रमन विश्वविद्यालय के शिक्षकों के समक्ष शोध के क्षेत्र में ग्रंथआलय की भूमिका विषय पर विस्तार से व्याख्यान देते हुए कहा कि है। रिसर्च के लिए ग्रंथआलय के उपयोग एवं महत्व को समझना हम सभी के लिए आवश्यक है। अतः शिक्षकों को कम से कम 3 घंटे ग्रंथआलय में बिताना आवश्यक है। यही आदत विद्यार्थियों में भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री 24 घंटे देश को चलाने में लगाते हैं तो हम क्यों समयाभाव का बहाना करें। शोध कार्य करना दिनों दिन कठिन होता जा रहा है। आप एक शब्द भी बिना संदर्भ के नहीं लिख सकते । ऐसा करना बौद्धिक चोरी माना जाएगा। यह प्लेगेरिज्म में पकड़ा जा सकता है और इसे अच्छा नहीं समझा जाता ।आजकल कट कापी और पेस्ट पेश की प्रवृत्ति जोरों पर है, लेकिन शोध में यह नहीं चलती है। उच्च शिक्षा में संदर्भ ग्रंथ जरूरी है और उनका निवास ग्रंथालय ही हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर डॉ शहजाद कुरैशी के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफ़ेसर योगेश महाजन ने की। कार्यक्रम का संचालन शोध सेल के संयोजक ग्रीन मथाई एवं आभार प्रोफेसर स्वाति ने व्यक्त किया। कृपया इस लोकप्रिय इस समाचार को आप के लोकप्रिय समाचार पत्र में प्रकाशित करने की कृपा करें।

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