सैक्टर तीन,पार्क कुरुक्षेत्र में आर्य वैदिक पद्धति से यज्ञ एवं सामूहिक सत्संग कार्यक्रम आयोजित
संयोजक-श्रीमान जसबीर सिंह आर्य, सुरेन्द्र आर्य, विरेंद्र चौहान, राजेन्द्र शर्मा एवं समस्त सैक्टर वासी।
“यज्ञ, भजन, संध्या एवं साधना आदि कर्म मनुष्य धर्म के अधीन होकर करता है और धर्म वह सीढ़ी है जिस पर आरुढ होकर मनुष्य आत्मोत्थान कर सकता है,तो धर्म क्या है इस पर अवश्य विचार करना चाहिए। वैदिक संध्या के अनुसार मुख से अच्छा बोलना धर्म गलत बोलना अधर्म है। कानों से अच्छा सुनना धर्म व सुनना अधर्म है। हाथों से सत्कर्म करना धर्म व दुष्कर्म करना अधर्म है।पांवो से ठीक दिशा में चलना धर्म व गलत दिशा चलना अधर्म है। अपने अंग प्रत्यंगों के द्वारा अपना और दूसरों का कल्याण करना धर्म और बुरा करना व सोचना अधर्म।….जिसको इतना समझ में आ गया उसको धर्म के नाम पर कहीं भटकने की जरूरत नहीं और जो ये न समझ सका तो सारी दुनिया घूमकर भी धर्म का पाठ न सिख सकेगा।”….. मोहन लाल धर्माचार्य कुरुक्षेत्र 9215226574..
पाश्चात्य कैलेण्डर के नव वर्ष की सभी को बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।
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