इसके तहत 10 लाख रु. या इससे ज्यादा के लोन उपलब्ध कराए जा सकते हैं। मुद्रा (माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी) स्कीम के तहत लोन की सीमा 10 लाख रु. है। बजट में इसे बढ़ाया जाना चाहिए। ऐसा करने से एमएसएमई सेक्टर की लोन डिमांड पूरा करने में मदद मिलेगी। उम्मीद करते हैं कि बजट में सरकार गोल्ड लोन को प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग का दर्जा देगी- राजेश शर्मा बजट में सरकार NBFC के अंडरराइटिंग मानदंड को लेकर दिशानिर्देश भी जारी कर सकती हैं। सुरक्षित और असुरक्षित लोन के लिए वर्गीकरण, लोन जारी करने की समयसीमा, दस्तावेजों की जरूरत व लोन की रकम के स्पष्ट दिशानिर्देश होना चाहिए। इससे माइक्रो लेवल के उद्यमियों के लिए 10 से 50 लाख तक की फंडिंग आसान हो जाएगी। बजट में सरकार गोल्ड लोन भी सुलभ बना सकती है। गोल्ड लोन केंद्रित NBFC 1 लाख रु. तक के कर्ज मुहैया कराते हैं। उम्मीद करते हैं कि बजट में सरकार गोल्ड लोन को प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग का दर्जा देगी। ऐसा करने से बैंकों के लिए एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों) को रियायती दरों पर कर्ज देने की राह निकलेगी। इससे ग्राहकों को कम दरों पर लोन मिल सकेगा। ब्याज दरें बढ़ीं, होम लोन पर टैक्स छूट भी बढ़े सरकार को पीएमएवाई क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के तहत बढ़ी हुई फंडिंग के जरिए अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देना जारी रखना चाहिए। इसके अलावा ऊंची दरों वाले दौर में होम लोन की डिमांड बढ़ाने के मकसद से ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट की मौजूदा 2 लाख की सीमा और लोन की मूल राशि की लिमिट बढ़ाने पर भी विचार किया जाना चाहिए। बजट-2023 से आपको क्या उम्मीदें हैं…इससे संबंधित ये खबरें भी पढ़ें… आनंद राठी शेयर्स चीफ इकोनॉमिस्ट बोले- बैंकों में डिपॉजिट के ब्याज पर टैक्स की दर कम हो बजट 2023 में अब सिर्फ 6 दिन का वक्त बचा है। हर साल की तरह इस साल भी लोगों को बजट से काफी उम्मीदें हैं। इस बीच आनंद राठी शेयर्स के चीफ इकोनॉमिस्ट सुजान हाजरा का मानना है कि महंगाई पर लगाम लगाने के लिए रिजर्व बैंक ब्याज दरें लगातार बढ़ा रहा है। इसके चलते बैंकों की फंडिंग लागत बढ़ी है। पूरी खबर यहां पढ़ें… जेम्स-ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमो. काउंसिल के चेयरमैन बोले- गोल्ड-सिल्वर, प्लेटिनम पर आयात शुल्क कम हो जेम्स-ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमो. काउंसिल (GJEPC) के चेयरमैन विपुल शाह का मानना है कि बजट-2023 में जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर के हित में कई घोषणाएं की जा सकती हैं। गोल्ड, सिल्वर और प्लेटिनम पर अभी आयात शुल्क की दर ऊंची है। इसके चलते तस्करी बढ़ रही है। निर्यातकों की 500 करोड़ रुपए से ज्यादा की वर्किंग कैपिटल भी फंस जाती है। पूरी खबर यहां पढ़ें… मणिपाल ग्लोबल एड. के चेयरमैन बोले- अमीर तबके की इनकम पर सरचार्ज हटाया जाए मणिपाल ग्लोबल एड. के चेयरमैन टीवी मोहनदास पई को बजट-2023 से काफी उम्मीदें हैं। उनका मानना है कि सरकार बजट में कुछ बोल्ड कदम उठा सकती है। पुराने मुद्दों और विवादों के समाधान पर फोकस के आसार हैं। लगातार बढ़ रही महंगाई के बावजूद बीते कुछ सालों से मिडिल क्लास को खास टैक्स रिलीफ नहीं मिला है। उन्हें उम्मीद है कि इस बजट में सरकार टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी करेगी। पूरी खबर यहां पढ़ें…

 

इसके तहत 10 लाख रु. या इससे ज्यादा के लोन उपलब्ध कराए जा सकते हैं। मुद्रा (माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी) स्कीम के तहत लोन की सीमा 10 लाख रु. है। बजट में इसे बढ़ाया जाना चाहिए। ऐसा करने से एमएसएमई सेक्टर की लोन डिमांड पूरा करने में मदद मिलेगी।

उम्मीद करते हैं कि बजट में सरकार गोल्ड लोन को प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग का दर्जा देगी- राजेश शर्मा
बजट में सरकार NBFC के अंडरराइटिंग मानदंड को लेकर दिशानिर्देश भी जारी कर सकती हैं। सुरक्षित और असुरक्षित लोन के लिए वर्गीकरण, लोन जारी करने की समयसीमा, दस्तावेजों की जरूरत व लोन की रकम के स्पष्ट दिशानिर्देश होना चाहिए। इससे माइक्रो लेवल के उद्यमियों के लिए 10 से 50 लाख तक की फंडिंग आसान हो जाएगी।

बजट में सरकार गोल्ड लोन भी सुलभ बना सकती है। गोल्ड लोन केंद्रित NBFC 1 लाख रु. तक के कर्ज मुहैया कराते हैं। उम्मीद करते हैं कि बजट में सरकार गोल्ड लोन को प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग का दर्जा देगी। ऐसा करने से बैंकों के लिए एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों) को रियायती दरों पर कर्ज देने की राह निकलेगी। इससे ग्राहकों को कम दरों पर लोन मिल सकेगा।

ब्याज दरें बढ़ीं, होम लोन पर टैक्स छूट भी बढ़े
सरकार को पीएमएवाई क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के तहत बढ़ी हुई फंडिंग के जरिए अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देना जारी रखना चाहिए। इसके अलावा ऊंची दरों वाले दौर में होम लोन की डिमांड बढ़ाने के मकसद से ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट की मौजूदा 2 लाख की सीमा और लोन की मूल राशि की लिमिट बढ़ाने पर भी विचार किया जाना चाहिए।

बजट 2023 में अब सिर्फ 6 दिन का वक्त बचा है। हर साल की तरह इस साल भी लोगों को बजट से काफी उम्मीदें हैं। इस बीच आनंद राठी शेयर्स के चीफ इकोनॉमिस्ट सुजान हाजरा का मानना है कि महंगाई पर लगाम लगाने के लिए रिजर्व बैंक ब्याज दरें लगातार बढ़ा रहा है। इसके चलते बैंकों की फंडिंग लागत बढ़ी है।

जेम्स-ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमो. काउंसिल के चेयरमैन बोले- गोल्ड-सिल्वर, प्लेटिनम पर आयात शुल्क कम हो

जेम्स-ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमो. काउंसिल (GJEPC) के चेयरमैन विपुल शाह का मानना है कि बजट-2023 में जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर के हित में कई घोषणाएं की जा सकती हैं। गोल्ड, सिल्वर और प्लेटिनम पर अभी आयात शुल्क की दर ऊंची है। इसके चलते तस्करी बढ़ रही है। निर्यातकों की 500 करोड़ रुपए से ज्यादा की वर्किंग कैपिटल भी फंस जाती है। णिपाल ग्लोबल एड. के चेयरमैन बोले-

ग्लोबल एड. के चेयरमैन टीवी मोहनदास पई को बजट-से काफी उम्मीदें हैं। उनका मानना है कि सरकार बजट में कुछ बोल्ड कदम उठा सकती है। पुराने मुद्दों और विवादों के समाधान पर फोकस के आसार हैं। लगातार बढ़ रही महंगाई के बावजूद बीते कुछ सालों से मिडिल क्लास को खास टैक्स रिलीफ नहीं मिला है। उन्हें उम्मीद है कि इस बजट में सरकार टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी करेगी।

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