तुर्की में भूकंप से तबाह हर 10 इमारत में से 9 पुरानी, एक्सपर्ट बोले- अभी टला नहीं है खतरा

तुर्की इन दिनों भयंकर त्रासदी के दौर से गुजर रहा है. तुर्की के उन 10 प्रांतों में जहां प्राकृतिक आपदा आई है, लोगों की आंखों और दिलों में डर है. तुर्की सीरिया में मौतों का आंकड़ा 21 हजार से ज्यादा पहुंच चुका है. तुर्की के 10 प्रांतों में 10,000 इमारतें गिर गई हैं.
तुर्की में भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. 7.8 की तीव्रता से आए भूकंप से हजारों इमारतें ताश के पत्ते की तरह पल भर में धराशायी हो गईं. आलम ये है कि यहां अबतक 21 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है कि तुर्की में पिछले 100 साल में आई ये पहली आपदा है. जिंदगियों को बचाने की जद्दोजहद के तहत बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. लेकिन मलबे में दबे लोगों को बचाना सबसे बड़ी चुनौती है. कई देश, सरकारें और कई टीमें यहां चौबीसों घंटे बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. तुर्की के उन 10 प्रांतों में जहां प्राकृतिक आपदा आई है, लोगों की आंखों और दिलों में डर है. लोगों को शरण देने के लिए सुरक्षित स्थानों का आकलन करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है. क्योंकि लोग यहां अब कॉन्क्रीट की इमारतों में रहना नहीं चाहते.
तुर्की में भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. 7.8 की तीव्रता से आए भूकंप से हजारों इमारतें ताश के पत्ते की तरह पल भर में धराशायी हो गईं. आलम ये है कि यहां अबतक 21 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है कि तुर्की में पिछले 100 साल में आई ये पहली आपदा है. जिंदगियों को बचाने की जद्दोजहद के तहत बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. लेकिन मलबे में दबे लोगों को बचाना सबसे बड़ी चुनौती है. कई देश, सरकारें और कई टीमें यहां चौबीसों घंटे बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. तुर्की के उन 10 प्रांतों में जहां प्राकृतिक आपदा आई है, लोगों की आंखों और दिलों में डर है. लोगों को शरण देने के लिए सुरक्षित स्थानों का आकलन करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है. क्योंकि लोग यहां अब कॉन्क्रीट की इमारतों में रहना नहीं चाहते.
स्ट्रक्चरल इंजीनियर और मियामोतो इंटरनेशनल के सीईओ डॉ. किट मियामोटो ने कहा कि ये झटके काफी खतरनाक थे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगले 6 महीनों तक यहां भूकंप के झटके लग सकते हैं. लोगों को भी दरार वाली इमारतों की पहचान करने में मदद की ज़रूरत है कि क्या वे रहने के लिए सुरक्षित हैं. डॉ मियामोटो कहते हैं कि यह इस दशक की सबसे बड़ी आपदा है जो लगभग 10 से 20 मिलियन लोगों को प्रभावित करती है. जो देश का लगभग 15-20% है. मियामोटो कहते हैं कि आप मरने वालों की संख्या को बढ़ते हुए देख रहे हैं, अभी यह कई हजार के आसपास है. यह 40 हजार से ज्यादा हो सकता है. इसका मतलब है कि घायलों का आंकड़ा लगभग 2 लाख लोगों के करीब हो सकता है. उन्होंने कहा कि 10 प्रांतों के भीतर 10,000 इमारतें जो गिर गई हैं, 50,000-100,000 इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. उन्होंने कहा कि न केवल इमारतें, बल्कि सड़कें और पुल भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. छोटे गांव और कस्बों का सपर्क मार्ग टूट चुका है. अब आलम ये है

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