क्या बेटे बालाचंद्रन की तरह प्रभाकरण की मौत पर भी श्रीलंका ने झूठे दावे किए?

 

प्रभाकरण के 12 वर्षीय बेटे की मौत को लेकर श्रीलंका की सेना हमेशा से यही कहती रही कि बालचंद्रन प्रभाकरण सैन्य ऑपरेशन के दौरान क्रॉस फायरिंग में मारा गया था. लेकिन तस्वीरों ने कुछ और बयां किया था.


श्रीलंका के अलगाववादी संगठन लिट्टे (LTTE) प्रमुख और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे वेलुपिल्लई प्रभाकरण के जिंदा होने का दावा किया गया है. तमिलनाडु के पूर्व कांग्रेस नेता और वर्ल्ड कन्फेडरेशन ऑफ तमिल के अध्यक्ष पाझा नेदुमारन ने सोमवार को यह दावा किया है. नेदुमारन ने कहा है कि प्रभाकरण जल्द सामने आएंगे और उनकी मौत की अफवाहों पर विराम लगेगा.

नेदुमारन का दावा सही निकला तो श्रीलंकाई सेना और सरकार झूठी साबित होगी. श्रीलंका सरकार ने 18 मई 2009 को प्रभाकरण को मृत घोषित किया था. तब रत्नासिरी विक्रमानायके श्रीलंका के प्रधानमंत्री थे, जबकि महिंदा राजपक्षे वहां के राष्ट्रपति थे. भारत के लिए भी प्रभाकरन के मौत की खबर सुकून देनेवाली थी.
प्रभाकरण के 12 वर्षीय बेटे बालाचंद्रन की मौत को लेकर भी श्रीलंका पर झूठ बोलने के आरोप लग चुके हैं. और अब प्रभाकरण के जिंदा होने की बात सच होती है तो एक बार फिर श्रीलंका झूठा साबित होगा.स्नैक्स खिलाने के बाद सीने में उतार दी गोली!
प्रभाकरण के 12 वर्षीय बेटे की मौत को लेकर श्रीलंका की सेना हमेशा से यही कहती रही कि बालचंद्रन प्रभाकरण सैन्य ऑपरेशन के दौरान क्रॉस फायरिंग में मारा गया था. लेकिन ब्रिटेन के एक समाचार पत्र ने बालचंद्रन की तस्वीरें छाप कर बताया था कि वह सेना की पकड़ में आ गया था. श्रीलंका की सेना ने पहले उसे स्नैक्स खिलाया गया था और फिर कुछ देर बात उसके सीने में गोलियां उतार दी गई.

बच्चे को धोखे से उठा ले गई थी सेना!
उस वक्त जारी की गई एक तस्वीर में दिखाया गया था कि बालचंद्रन एक बंकर में बैठा हुआ था और फिर दूसरी तस्वीर में बालचंद्रन का शव जमीन पर पड़ा हुआ था. उसका सीना गोलियाें से छलनी था. ये तस्वीरें 2009 में एक डॉक्यूमेंट्री के लिए ये तस्वीरें खींची गई थीं.

डाक्यूमेंट्री  में निर्देशक मैक्री ने दिखाया था कि बालाचंद्रन को श्रीलंका की सेना ने बहुत बेदर्दी से मारा था. मैक्री ने अपनी फिल्म में तस्वीरें दिखाई थी और दावा किया था कि 12 साल के इस बच्चे को सैनिक धोखे से उठा ले गए और उससे कहा गया कि उसे कोई खतरा नहीं है. बाद में उसके सीने में 5 गोलियां दाग दी गई. मैक्री का कहना था कि सेना ने बच्चे की सोच-समझ कर हत्या की है.

श्रीलंकाई सरकार ने बताया था झूठा


मैक्री ने बाद में दो अखबारों में आर्टिकल भी लिखा था. हालांकि श्रीलंकाई सरकार दावा करती रही कि प्रभाकरण के बेटे की मौत आर्मी के क्रॉसफायर में हुई थी. तस्वीरें सामने आने के बाद श्रीलंकाई सेना के प्रवक्ता रुवान वनिगासूर्या ने मैक्री के इन आरोपों को गलत और आधारहीन बताते हुए कहा था कि यह श्रीलंका की छवि खराब करने की कोशिश है. उनका कहना था कि फिल्म ऐसे समय में लाई गई थी, जब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का सत्र होने वाला था.

प्रभाकरण के शव की हुई थी DNA जांच
प्रभाकरण को 18 मई 2009 को श्रीलंका सरकार ने मृत घोषित किया था. सरकार का कहना था कि 17 मई, 2009 को उसे तब मारा गया जब देश के उत्तरी भाग में श्रीलंकाई सैनिक उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि दावा यह भी किया जाता है, प्रभाकरण ने खुदकुशी कर ली थी. अगले दिन श्रीलंकाई मीडिया ने उसका शव दिखाया था. एक हफ्ते बाद LTTE के प्रवक्ता सेल्वारासा पथ्मनाथान ने भी उसकी मौत की पुष्टि की थी. फिर दो हफ्ते बाद डीएनए टेस्ट में भी बताया गया था कि ये शव प्रभाकरण का ही था. हालांकि अब नए दावे ने नई बहस को जन्म दे दिया है.

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