जानिए क्यों मनाया जाता है 13 फ़रवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस
आज भारत का राष्ट्रीय महिला दिवस है।
कई लोगों को राष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर भ्रम है कि वह 8 मार्च को होता है लेकिन 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस होता है। हालांकि भारत में इस दिन को फरवरी में मनाया जाता है। राष्ट्रीय महिला दिवस को फरवरी में आज के दिन मनाने की एक खास वजह है। इसकी वजह से जुड़ी है भारत की प्रमुख महिला स्वतंत्रता सेनानी से। यहां बात हो रही है भारत कोकिला सरोजिनी नायडू की। सरोजिनी नायडू से राष्ट्रीय महिला दिवस का गहरा नाता है। सरोजिनी नायडू भारत की प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी व कवयत्री हैं। उन्हें भारत कोकिला वाइ नाइटिंगेल ऑफ इंडिया भी कहा जाता है। इसलिए ही नहीं वह आजाद भारत की पहली महिला राज्यपाल भी हैं। ब्रिटिश सरकार के खिलाफ देश को आजादी के लिए आजादी आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। वह हर महिला के लिए प्रेरणा है। लेकिन राष्ट्रीय महिला दिवस को आज ही के दिन मनाने के पीछे क्या वजह है, इस दिन का इतिहास और महत्व क्या है,
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जानते हैं राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास, कब हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत, महत्व और सरोजिनी नायडू से नाता।
कब मनाया जाता है भारत का राष्ट्रीय महिला दिवस
भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 13 फरवरी के दिन मनाया जाता है। यह 8 मार्च को मनाए जाने वाले महिला दिवस से अलग है क्योंकि उस दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस होता है और 13 फरवरी को भारत का महिला दिवस होता है।
राष्ट्रीय महिला दिवस सरोजिनी नायडू को समर्पित है।
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हुआ था। वह बचपन से बुद्धिमान थीं। जब सरोजिनी नायडू 12 साल की थीं, तब से उन्हें कविताएं लिखनी शुरू कर दी थी। बाद में स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। देश की आजादी और महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। आजादी के बाद सरोजिनी नायडू को पहली महिला राज्यपाल बनने का भी मौका मिला। उनके कार्यों और महिलाओं के अधिकारों के लिए उनकी भूमिका को देखते हुए सरोजिनी नायडू के जन्मदिन के मौके पर राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।
सरोजिनी नायडू को क्यों कहते हैं भारत कोकिला
वैसे तो सरोजिनी नायडू के नाम कई उपलब्धियां हैं लेकिन साहित्यिक योगदान पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। उन्होंने कई कविताएं लिखी, कुछ कविताएं तो पाठ्यक्रम में शामिल की गईं। क्योंकि वह बहुत ही मधुर स्वर में अपनी कविताओं का पाठ किया करती थीं, इसी कारण सरोजिनी नायडू को भारत कोकिला कहा जाता था।
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