राजस्थान खनिज संपदा प्रदेश, मिनरल ब्लॉकों की नीलामी से आय, रोजगार और राजस्व में भी होगी बढ़ोतरी
राजस्थान विपुल खनिज संपदा प्रदेश है और प्री एम्बेडेड माइंस के ऑक्शन का रोडमेप बनाकर समूचे देश में अग्रणी बन सकता है। केन्द्रीय खान सचिव विवेक भारद्वाज ने मेजर मिनरल्स ब्लॉक्स के अधिक से अधिक ऑक्शन की आवश्यकता के साथ नीलाम माइंस की आवश्यक औपचारिकताओं को भी तय समय—सीमा में पूरी कर उन्हें ऑपरेशनल बनाने पर जोर दिया। मिनरल ब्लॉकों की नीलामी से रोजगार, आय और राजस्व में बढ़ोतरी होती है।
इस साल 8 मांइस का ऑक्शन
भारद्वाज ने कहा कि जीएसआई, एमईसीएल, आईबीएम व विभाग के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता है ताकि ओवरलेपिंग व निषिद्ध क्षेत्र में अनावश्यक रुप से श्रम व समय को बचाया जा सके। भारद्वाज ने विश्वास दिलाया कि राजस्थान के माइनिंग क्षेत्र से जुड़े बिन्दुओं पर सकारात्मक सोच के साथ सहयोग किया जाएगा। एसीएस माइंस वीनू गुप्ता ने बताया कि माइंस विभाग द्वारा आरएसएमईटी को प्रोजेक्ट मोनिटरिंग इकाई बनाते हुए 8 प्री एम्बेडेड माइंस के माइनिंग प्लान, पर्यावरण क्लीयरेंस सहित आवश्यक सभी औपचारिकताएं पूरी करने का रोडमेप तैयार किया गया है। सभी संबंधित स्वीकृतियां प्राप्त कर इस साल के अंत तक इन 8 मांइस का ऑक्शन किया जा सकेगा। प्री एम्बेडेड माइंस के ऑक्शन का यह देश की अनूठी पहल होगी।
78 मेजर मिनरल ब्लॉक्स की नीलामी का रोडमेप तैयार
इस वित्तीय वर्ष के शुरुआती तीन माह में ही 27 मेजर मिनरल ब्लॉकों की ई—नीलामी प्रक्रिया शुरु की गई है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। विभाग ट्राजेंक्शनल एडवाइजर नियुक्त करने की संभावना को तलाश रहा है, ताकि और अधिक एग्रेसिव मार्केंटिंग के साथ माइनिंग ब्लॉक्स की नीलामी की जा सके। इस साल राज्य में 78 मेजर मिनरल ब्लॉक्स के नीलामी का रोडमेप तैयार किया जा रहा है, जो अपने आप में एक इतिहास होगा। इनमें से 27 ब्लॉक्स की नीलामी की प्रक्रिया जारी है और इसे अब मासिक रुप से और अधिक बढ़ाया जाएगा।