लाठीचार्ज के बाद अब आर-पार की लड़ाई के मूड में भाजपा, सड़क से लेकर विधानसभा तक संग्राम की तैयारी
माना जा रहा है कि लाठीचार्ज के दौरान भाजपा नेता की मौत के बाद पार्टी आक्रामक रुख अख्तियार कर सकती है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी भी खासे आक्रामक हैं, जो सीएम नीतीश कुमार की ही बिरादरी के हैं।
पटना में लाठी चार्ज के दौरान उसके नेता विजय कुमार सिंह की मौत हो गई। विजय कुमार सिंह भाजपा की जहानाबाद इकाई के महामंत्री थे। इसके बाद से संग्राम और बढ़ने की आशंका है। शुक्रवार को विजय कुमार सिंह की जहानाबाद में जब शव यात्रा निकली तो बड़ा हुजूम था। भाजपा के हजारों कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ ही जनता भी बड़ी संख्या में मौजूद रही।
माना जा रहा है कि लाठीचार्ज के दौरान भाजपा नेता की मौत के बाद पार्टी आक्रामक रुख अख्तियार कर सकती है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी भी खासे आक्रामक हैं, जो सीएम नीतीश कुमार की ही बिरादरी के हैं। कहा जात है कि उन्हें भाजपा ने इसीलिए प्रमोट किया है ताकि गैर-यादव ओबीसी वर्ग की मजबूत बिरादरी कुर्मी को साधा जा सके। एक तरफ सामाजिक समीकरण और दूसरी तरफ भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था पर परसेप्शन की लड़ाई में भाजपा बढ़त बनाती दिख रही है। पहले साधे समीकरण, अब सड़कों पर संग्राम की तैयारी
भाजपा के रणनीतिकारों को लगता है कि 2024 की चुनावी लड़ाई में अब सड़क पर उतरना बाकी है। चिराग पासवान, जीतनराम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा जैसे नेताओं को साधकर भाजपा ने एक सामाजिक गुलदस्ता तैयार कर लिया है, लेकिन अब जमीन पर हवा बनाना चाहती है। इसीलिए तेजस्वी यादव का चार्जशीट में नाम आने के बहाने वह सड़क की सियासत पर खुद को मजबूत कर रही है। गुरुवार को जिस तरह से भाजपा के आंदोलन पर ऐक्शन हुआ और फिर विजय कुमार की मौत हो गई। उससे इसे और हवा मिल गई है।