कोच ज्वाला सिंह ने उठाया था गरीब यशस्वी जायसवाल का खर्च, ऐसे बनाया वर्ल्ड क्लास बल्लेबाज
ज्वाला सिंह ने पत्रिका से खास बातचीत में कहा कि उन्होंने अपनी एकेडमी में 15 दिन तक ट्रायल के तौर पर यशस्वी को देखा। जिसके बाद उन्होंने यशस्वी से कहा कि अब तुम मेरे घर पर ही रहोंगे और तुम्हारा पूरा खर्च मैं उठाऊंगा।
वेस्टइंडीज के खिलाफ करियर के पहले ही टेस्ट मैच में युवा भारतीय ओपनर यशस्वी जायसवाल ने इतिहास रच दिया। अपने शिष्य की इस शानदार पारी से ज्वाला सिंह काफी खुश हैं, जिन्होंने यशस्वी को बचपन में क्रिकेट के गुर सिखाए थे। ज्वाला सिंह ने पत्रिका से खास बातचीत में कहा कि उन्होंने विंडीज दौरे पर जाने से पहले यशस्वी को कहा था कि उन्हें अपने विकेट की कीमत समझनी है और इस मौके का भरपूर फायदा उठाना है। यशस्वी ने अपने कोच की सलाह मानी और शतक जड़ दिया।
ज्वाला सिंह ने पत्रिका से कहा, ‘मुझे आज भी याद है कि यशस्वी को मैने पहली बार मुंबई के आजाद पार्क में नेट पर बल्लेबाजी करते हुए 17 दिसंबर 2013 को देखा था। पिच खराब थी लेकिन उस पर भी यशस्वी काफी आराम से बल्लेबाजी कर रहा था। मुझे उसकी बल्लेबाजी काफी अच्छी लगी। मुझे बताया गया कि यह लड़का यूपी का है और बहुत गरीब है तथा परेशान भी है। यशस्वी ने बाद में मुझे अपने संघर्ष की कहानी बताई और बताया कि उसे क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिल रहा है।’
ज्वाला सिंह ने आगे कहा, ‘ मैंने अपनी एकेडमी में 15 दिन तक ट्रायल के तौर पर यशस्वी को देखा और फिर फैसला किया कि इस लड़के को अच्छा क्रिकेटर बनाने में सबकुछ झोंक दूंगा क्योंकि वे अपने खेल को लेकर काफी गंभीर था। मैंने यशस्वी से कहा कि अब तुम मेरे घर पर ही रहोंगे और तुम्हारा पूरा खर्च मैं उठाऊंगा। उसके बाद यशस्वी से पिता आए। उन्होंने कहा कि अब यशस्वी का भविष्य आपके हाथ में है, आप जैसा चाहें इसे वैसा प्रशिक्षण दें। अच्छी बात यह है कि यशस्वी ने मेरी हर बात मानी और कभी अपने लक्ष्य से डिगा नहीं।’
बता दें 21 साल के इस युवा बल्लेबाज ने मुश्किल पिच पर 171 रनों की पारी खेल टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाने में मदद की। उन्हें इस पारी का इनाम प्लेयर ऑफ द मैच के रूप में मिला। इसी के साथ यशस्वी जायसवाल डेब्यू टेस्ट में प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड जीतने वाले 8वें भारतीय खिलाड़ी बने हैं। वहीं डेब्यू टेस्ट में 150 का आंकड़ा पार करने वाले यशस्वी कुल तीसरे भारतीय बने हैं। उनसे पहले यह कारनामा शिखर धवन और रोहित शर्मा ने 2013 में किया था।
http://www.sirafsachtv.com/archives/6274
http://www.sirafsachtv.com/archives/6269
http://www.sirafsachtv.com/archives/6263