राहुल गांधी का राम मंदिर दर्शन और राजीव गांधी का बाबरी मस्जिद का ताला खुलवाने में समानता और फर्क क्या है?
राहुल गांधी का राम मंदिर दर्शन और राजीव गांधी का बाबरी मस्जिद का ताला खुलवाने में समानता और फर्क क्या है?Í
अयोध्या में राहुल गांधी के संभावित दौरे की काफी चर्चा है. ये राजीव गांधी की सरकार थी जब पहली बार राम जन्मभूमि पर लगा ताला खुलवाया गया था, लेकिन बीजेपी के बढ़ते दबदबे के बाद कांग्रेस की छवि मंदिर विरोधी मुस्लिम पार्टी की हो गयी – क्या राहुल गांधी, राजीव गांधी को मिलने वाला श्रेय फिर से हासिल कर पाएंगे?
2024 के आम चुनाव को लेकर अलग अलग मोर्चों पर तैयारियां चल रही है. 2019 में राम मंदिर आंदोलन को चुनावी मुद्दे के तौर पर होल्ड कर लेने वाली बीजेपी आने वाले आम चुनाव में जोर शोर से भुनाने की तैयारी कर रही है. इस बात के संकेत तो इस साल के शुरू में ही अमित शाह के त्रिपुरा दौरे में मिल गये थे, जब बीजेपी नेता ने खास तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नाम का जिक्र किया था.
अब जबकि अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा की भी तारीख आ चुकी है, राहुल गांधी के भी अयोध्या जाने काफी चर्चा है. मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के मुताबिक, भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी, 2024 को होगी. और 20 से 24 जनवरी के बीच किसी भी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इससे जुड़े समारोह में शामिल होंगे.
राहुल गांधी के अयोध्या दौरे की चर्चा शुरू हुई है राजीव गांधी फाउंडेशन के सीईओ विजय महाजन की गुपचुप यात्रा को लेकर. ये खबर तो मालूम हो गया है कि राहुल गांधी के अयोध्या जाने को लेकर अंदर ही अंदर तैयारी चल रही है, लेकिन ये सब कब होना है अभी किसी को नहीं पता.