कानपुर: ड्राइवर और नौकर के नाम खरीदी 8 करोड़ की प्रॉपर्टी, IT टीम ने जब्त कर लीं 11 बेनामी संपत्तियां
कानपुर में आयकर विभाग ने 11 ऐसी प्रॉपर्टीज को कुर्क किया है जो दलितों से धोखाधड़ी करके खरीदी गई थीं. उन्हें या तो ड्राइवर या फिर किसी और के नाम से खरीद कर जांच एजेंसी की निगाहों से बचने की कोशिश हो रही थी. कुर्क की गई प्रॉपर्टी की कीमत 8 करोड़ रुपये बताई जा रही है.
अगर आप भी टैक्स बचाने और काली कमाई को छुपाने के लिए बेनामी संपत्तियों का सहारा ले रहे हैं तो सतर्क हो जाइए. कानपुर आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति यूनिट ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 11 प्रॉपर्टीज को कुर्क किया है जो दलितों की थीं. उन्हें या तो ड्राइवर या फिर किसी और के नाम से खरीद कर एजेंसी की निगाहों से बचने की कोशिश हो रही थी.
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साथ ही आयकर विभाग ने शहर में ऐसी कई बेनामी संपत्तियों की सूची भी तैयार की है जिन्हें या तो लोगों द्वारा उनके ड्राइवर या फिर नौकरों के नाम पर लिया जा रहा था. जल्द ही आयकर विभाग की करवाई इस पर भी हो सकती है.
जानकारी के मुताबिक, आयकर विभाग ने 8 करोड़ की बेनामी संपत्तियों को कुर्क किया गया है. रईसों ने काली कमाई खपाने के लिए अपने ड्राइवर और नौकर के नाम पर करोड़ों की जमीनों की खरीद-फरोख्त कर रहे थे. इतना ही नहीं पैसों को एक से दूसरे, दूसरे के तीसरे फिर तीसरे से वापस पहले शख्स के अकाउंट में ट्रांसफर करके बड़ा खेल कर रहे थे.
कल्याणपुर के रहने वाले अधिवक्ता अभिषेक शुक्ला ने जमीन खरीदने के लिए अपने दो दलित करीबियों का इस्तेमाल किया और बिठूर में रहने वाले मृतक दलित घसीटाराम की कई बीघा जमीन को उनके पोते मनीष से मिलीभगत कर खरीद लिया. सरकार और एजेंसीज की नजर से बचने के लिए यह पैसा जो कि अभिषेक शुक्ला का था उसे सबसे पहले उसके दोनों करीबियों एकलव्य कुरील और करण कुरील के अकाउंट में डाला गया. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि SC/ST भूमि कानून के अंतर्गत एक दलित दूसरे दलित की जमीन खरीद सकता है.