31 साल पहले नदी में मिली थी लाश, अब जाकर हुई महिला की पहचान, जानिए कैसे
इंटरपोल की #IdentifyMe के तहत 31 सालों बाद एक मृत महिला की पहचान हो सकी है. परिवार ने महिला के शरीर पर बने टैटू को पहचान लिया, जिसकी मौत 3 जून 1992 को हुई थी. मृत महिला का नाम रीटा रॉबर्ट्स है. इंटरपोल की इस मुहीम के तहत अब तक 22 मृत महिलाओं की पहचान हो चुकी है
अक्सर लोग अपने शरीर पर टैटू स्टाइल, खूबसूरती और कुछ अलग दिखने की चाहत में बनवाते हैं. इसके लिए तरह तरह के डिजाइन शरीर गुदवाते हैं. कोई अपने नाम का टैटू बनवाता है, तो कई लोग फूल पत्ती बनवाते हैं. रंग-बिरंगे टैटू लोगों को काफी अट्रैक्ट भी करते हैं. लेकिन जरा सोचिए जब यही टैटू आपकी मौत के बाद आपकी पहचान बन जाए तो क्या होगा. ऐसा ही एक मामला आया है, जहां एक महिला की पहचान उसके टैटू से हुई, वो भी दशकों बाद
दरअसल 3 जून 1992 को एक महिला की मौत हो गई थी, जिनका नाम था रीटा रॉबर्ट्स. रीटा आज से 31 साल पहले बेल्जियम की एक नदी के पास जंगल में मृत पाई गई थीं, जिनकी पहचान नहीं हो सकी थी. मौत के सालों बाद उनके शरीर पर बने टैटू से उनकी पहचान हो सकी. रीटा के शरीर पर काले फूल का एक टैटू था, जिसमें हरे रंग की पत्तियां बनी थी. उसके दाहिने हाथ के बाजू में ‘RNick’ लिखा था. इसी टैटू से मौत के सालों बाद उनकी न सिर्फ पहचान हो सकी बल्कि उन्हें नाम भी मिला
शरीर पर बने टैटू से हुई मृत महिला की पहचान
इस बारे में फ्रांस की पुलिस इंटरपोल ने जानकारी देते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर किया है. जिसमें बताया गया है कि कैसे ऑपरेशन #IdentifyMe के तहत एक मृत महिला की पहचान उसके शरीर पर बने फूल के टैटू और अंतरराष्ट्रीय अपील की वजह से हो पाई और उसे अपना नाम वापस मिला, साथ ही उसके परिवार का भी पता चला