Icra: चुनावों के कारण पूंजीगत खर्च से चूक सकते हैं कई राज्य, रिपोर्ट में दावा- 35 प्रतिशत तक बढ़ गया था खर्च
रिपोर्ट के अनुसार, अपने बजट अनुमानों को बनाए रखने के लिए 21 राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि दूसरी छमाही में पूंजीगत खर्च की दर 28 प्रतिशत पर बनी रहे। हालांकि, यह आचार संहिता के बाद से संभव नहीं है।
राज्यों के चुनावों और अगले साल आम चुनाव के साथ राजस्व में गिरावट से चालू वित्त वर्ष में कई राज्य अपने पूंजीगत खर्च लक्ष्य से चूक सकते हैं। इक्रा की रिपोर्ट के अनुसार, पहली छमाही में राज्यों का पूंजीगर्त खर्च रिकॉर्ड 35 प्रतिशत तक बढ़ गया था। दूसरी छमाही में इसके घटने की आशंका है।
रिपोर्ट के अनुसार, अपने बजट अनुमानों को बनाए रखने के लिए 21 राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि दूसरी छमाही में पूंजीगत खर्च की दर 28 प्रतिशत पर बनी रहे। हालांकि, यह आचार संहिता के बाद से संभव नहीं है। आम चुनाव से पहले मार्च तिमाही में आचार संहिता लग सकती है। रिपोर्ट में अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और नगालैंड शामिल नहीं हैं।
3.5 लाख करोड़ तक बढ़ा घाटा
21 राज्यों का संयुक्त राजस्व व राजकोषीय घाटा अप्रैल-सितंबर की अवधि में क्रमशः 70,000 करोड़ रुपये और 3.5 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ गया। एक साल पहले की अवधि में यह क्रमशः 50,000 करोड़ रुपये और 2.4 लाख करोड़ रुपये था।